Underworld ke 4 Ikke

· Storyside IN · Vijay Vikram Singh ଦ୍ଵାରା ବର୍ଣ୍ଣନା କରାଯାଇଛି
ଅଡିଓବୁକ୍
3 ଘ. 18 ମି.
ଅସଂକ୍ଷିପ୍ତ ଅଟେ
ଯୋଗ୍ୟ
ରେଟିଂ ଓ ସମୀକ୍ଷାଗୁଡ଼ିକୁ ଯାଞ୍ଚ କରାଯାଇନାହିଁ  ଅଧିକ ଜାଣନ୍ତୁ
4 ମି.ର ଏକ ନମୁନା ଚାହାଁନ୍ତି? ଯେ କୌଣସି ସମୟରେ, ଏପରିକି ଅଫଲାଇନ ଥିବା ସମୟରେ ମଧ୍ୟ ଶୁଣନ୍ତୁ। 
ଯୋଡ଼ନ୍ତୁ

ଏହି ଅଡିଓବୁକ୍ ବିଷୟରେ

60 और 70 के दशक में मुम्बई में संगठित अपराधी गिरोहों का जन्म हुआ था. वे पनपे थे. वे स्थापित हुए थे. यह भारत में माफिया युग का आरम्भ था. 70 से 90 के दशकों में गिरोह सरगना तो बहुत से हुए लेकिन उनमें असली खिलाड़ी थे ये चार. कहना चाहिए कि ये उस वक्त के अंडरवर्ल्ड के गुरु थे. इनके बारे में बहुत थोड़ी जानकारी लोगों को है. लेकिन उनके झूठे किस्से-कहानियाँ सच से ज्यादा चलन में रहे हैं. मुम्बई अंडरवर्ल्ड के ये चार इक्के थे, करीम लाला, वरदराजन मुदलियार, हाजी मिर्जा मस्तान, और लल्लू जोगी! 'अंडरवर्ल्ड के चार इक्के' में इन गिरोह सरगनाओं की जिंदगी के हर रंग की छाप है. उनके रूदन से खुशियों तक, उनके पारिवारिक जीवन से कामकाज तक, उनके उदय से अस्त होने तक... सब कुछ इसमें है. यह किताब एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें पहली बार इन सरगनाओं के बारे में सत्य का उद्घाटन पूरी प्रामाणिकता के साथ किया है.

ଏହି ଅଡିଓବୁକର ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ

ଆପଣ କଣ ଭାବୁଛନ୍ତି ତାହା ଆମକୁ ଜଣାନ୍ତୁ।

ଶୁଣିପାରୁଥିବା ତଥ୍ୟ

ସ୍ମାର୍ଟଫୋନ ଓ ଟାବଲେଟ
Google Play Books ଆପ୍କୁ, AndroidiPad/iPhone ପାଇଁ ଇନଷ୍ଟଲ୍ କରନ୍ତୁ। ଏହା ସ୍ଵଚାଳିତ ଭାବେ ଆପଣଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟରେ ସିଙ୍କ ହୋ‍ଇଯିବ ଏବଂ ଆପଣ ଯେଉଁଠି ଥାଆନ୍ତୁ ନା କାହିଁକି ଆନଲାଇନ୍ କିମ୍ବା ଅଫଲାଇନ୍‍ରେ ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦେବ।
ଲାପଟପ ଓ କମ୍ପ୍ୟୁଟର
ନିଜର କମ୍ପ୍ୟୁଟର୍‍ରେ ଥିବା ୱେବ୍ ବ୍ରାଉଜର୍‍କୁ ବ୍ୟବହାର କରି Google Playରୁ କିଣିଥିବା ବହିଗୁଡ଼ିକୁ ଆପଣ ପଢ଼ିପାରିବେ।