जहाँ ‘साक्षात्कार’ कहानी में रजनी दस्तावेज खो जाने से हुई परेशानी से जूझती नज़र आती है, वहीं ‘वारिस’ में स्नेहलता और जूली अन्धविश्वास की दीवारों को तोड़ने का प्रयास करती, समाज के विरुद्ध संघर्ष करती दिखती हैं। कोरोना के समय मानवीय संवेदनाओं को दर्शाती कहानियाँ ‘और मानवता जीत गई’ तथा ‘नजरिया’ भी अपनी विशेष छवि छोड़ती हैं। ‘परिन्दे’ व्यस्त समाज में बुजुर्गों के एकाकीपन के दर्द को बयान करती कहानी है। ‘काश...’, ‘ऑफिस में योगा डे’, ‘फुटबॉल का खेल बनाम सरकारी कार्य’, ‘मक्खन लगाते हुए खुद का मक्खन हो जाना’, ‘अनुभव’ सरकारी कार्य शैली पर कटाक्ष करती हुई व्यंग्यात्मक शैली की कहानियाँ हैं। अंत में ‘आजादी का दिन’ एक वर्ग की बेबसी दर्शाती हुई कहानी है।
नाम: अजय कुमार पाण्डेय
पिता का नाम: स्व. शारदा प्रसाद पाण्डेय
माता का नाम: स्व. कलावती पाण्डेय
जन्म: 11 जुलाई, 1959, भुआ बिछिया, जिला- मण्डला (म.प्र.)।
शिक्षा: स्नातकोत्तर - शास. महाविद्यालय, बालाघाट (म.प्र.)।
विधा: कविता, गीत, हिन्दी ग़ज़ल, कहानी, उपन्यास।
सम्मान: ‘बद्री नाथ चौकसे स्मृति साहित्य सम्मान 2015’, अनुराधा प्रकाशन की ओर से ‘साहित्य रत्न 2015’, ‘काव्य गौरव 2016’, ‘साहित्य श्री’, ‘साहित्य गौरव’, ‘राष्ट्र भाषा गौरव’ आदि अनेक सम्मान।
प्रकाशन: ‘बेशरम की झाड़ियां’ (कविता संग्रह), ‘स्रोत से बहते शब्द’ (कविता संग्रह), ‘जब धरा पर चाँद की बारात आई’ (ग़ज़ल संग्रह), ‘उड़ जायेगा हंस अकेला’ (उपन्यास), ‘बादल एक आवारा सा’ (उपन्यास), ‘एक कदम शेष’ (कहानी संग्रह), ‘श्री छंद वल्लरी’ (शैक्षणिक) एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं तथा साझा संकलनों में कहानियों एवं कविताओं का निरंतर प्रकाशन।
सम्प्रति: सेवानिवृत्त भू वैज्ञानिक, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, मलांजखण्ड
स्थायी पता: सी-402, वॉल्फोर्ट सफायर, सरोना, जिला-रायपुर (छ.ग़.)-492010
मोबाइल: 09425875128
ई-मेल पता: [email protected]