भारत में आयुर्वेदिक दवाओं के सबसे बड़े निर्माता बैद्यनाथ समूह के निदेशक और प्रमोटर अजय शर्मा एक मजबूत पारिवारिक व्यवसाय बनाने और उसका पोषण करने के बारे में अपने अनुभव और टिप्पणियाँ साझा कर रहे हैं। उनका मानना है कि एक व्यवसाय उस पीढ़ी के व्यवहार के अनुसार व्यवहार करता है, जो उसे प्रबंधित करती है। उन्होंने 4 टी का सिद्धांत तैयार किया है, जो एक पीढ़ी के जीवनचक्र के चरणों की व्याख्या करता है।
क्या पारिवारिक व्यवसाय बड़े बेटे के सिंड्रोम से पीड़ित हैं? क्या व्यवसाय का जल्द विभाजन एक बड़े दोष के रूप में देखा जाता है? किसी को उत्तराधिकार की योजना कब बनानी चाहिए और कब स्वामित्व से अलग होना चाहिए? आपस के मुख्य टकराव क्या हैं?
किसी भी पारिवारिक व्यवसाय की समृद्धि और निरंतरता में बाधा डालने वाले तीस ऐसे बड़े दोषों की पहचान करना तथा हर सदस्य व हर पीढ़ी को क्या नहीं करना चाहिए, ऐसे सभी व्यावहारिक बिंदुओं पर अनुभवजन्य प्रकाश डालती यह पुस्तक एक कुशल मार्गदर्शिका के रूप में पारिवारिक व्यावसायिक समूहों का पथ प्रशस्त करेगी।