Ambpali

· Vani Prakashan
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Über dieses E-Book

अम्बपाली एक उत्तरगाथा - मनुष्यता के इतिहास के निर्माण में मिथकों की अनिवार्यतः प्रमुख भूमिका रही है, इसके बावजूद यह एक निर्विवादित सत्य है कि अम्बपाली भारत की ही नहीं अपितु सम्भवतः विश्व की पहली स्त्रीवादी नागरिक थी-ठीक वैसे ही जैसे कि उसकी मातृभूमि वैशाली दुनिया का प्राचीनतम गणतन्त्र था। किन्तु यहाँ गौरतलब यह है कि अम्बपाली का नारीवाद अपनी प्रवृत्ति और प्रकृति में अस्तित्ववादी न होकर वैराग्य और आत्ममुक्ति से निःसृत था। सिमोन द'बोउआ ने बीसवीं सदी में जिस सामाजिक सिद्धान्त का ईजाद किया था कि-'केवल पुरुषों के हाथ से सत्ता प्राप्त करना ही अभीष्ट नहीं होना चाहिए, आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता की व्यावहारिक परिभाषा में परिवर्तन लाया जाये' -अम्बपाली कोई ढाई हज़ार साल पहले इस निष्कर्ष को आत्मसात कर चुकी थी, प्रतीत होता है। गीताश्री ने इतिहास और मिथक की इस बुनावट को अपने सुचिन्तित लेखन के ज़रिये न सिर्फ़ बारीक़ी से तराशा है, बल्कि आधुनिक सन्दर्भ में स्त्री-अस्मिता से जुड़े ज्वलन्त प्रश्नों को भी यथेष्ट प्रतिनिधित्व दिया है। दूसरे लहजे में कहें तो अम्बपाली के जीवन और दर्शन को उन्होंने स्त्री-मुक्ति के आधुनिक टूल्स के रूप में प्रयुक्त करने का असरदार प्रयास किया है।

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Autoren-Profil


गीताश्री कथाकार व पत्रकार

कृतियाँ : प्रार्थना के बाहर और अन्य कहानियाँ, स्वप्न, साज़िश और स्त्री, डाउनलोड होते हैं सपने, लेडीज़ सर्कल (कहानी संग्रह),

हसीनाबाद (उपन्यास), औरत की बोली, स्त्री आकांक्षा के मानचित्र (स्त्री-विमर्श, सपनों की मण्डी (आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर आधारित शोध), भूतखेला (रहस्य रोमांच-कहानी संग्रह)।

 

सम्पादित कृतियाँ : नागपाश में स्त्री (स्त्री-विमश), कल के क़लमकार (बाल कथा), स्त्री को पुकारते हैं स्वप्न, कथा रंगपूर्वी (कहानी संग्रह), हिन्दी सिनेमा : दुनिया से अलग दुनिया (सिनेमा), तेईस लेखिकाएँ और राजेन्द्र यादव (व्यक्तित्व), रेखाएँ बोलती हैं, रेखाएँ बोलती हैं-2 (रेखाचित्र)।

 

पुरस्कार एवं सम्मान : • वर्ष 2008-09 में पत्रकारिता का सर्वोच्च पुरस्कार रामनाथ गोयनका, बेस्ट हिन्दी जर्नलिस्ट ऑफ़ द ईयर समेत अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त . राष्ट्रीय स्तर के पाँच मीडिया फेलोशिप और उसके तहत विभिन्न सामाजिकसांस्कृतिक विषयों पर गहन शोध• कथा-साहित्य के लिए इला त्रिवेणी सम्मान-2013 • सृजनगाथा अन्तरराष्ट्रीय सम्मान • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान, सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, भारत सरकार • साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बिहार सरकार की तरफ़ से बिहार गौरव सम्मान-2015 • कुलदेवी परम्परा पर सीनियर फेलोशिप-वर्ष 2016-2017, संस्कृति मन्त्रालय, भारत सरकार • कथा समग्र के लिए बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान-2015 • स्त्री-विमर्श के लिए रमणिका गुप्ता फ़ाउंडेशन सम्मान-2018 • सृजन कुंज कथा सम्मान-2019 • हसीनाबाद उपन्यास के लिए मध्य प्रदेश का शिवना कथा सम्मान-2019 1 23 सालों तक सक्रिय पत्रकारिता के बाद फ़िलहाल स्वतन्त्र पत्रकारिता और साहित्य लेखन। 

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