‘अनाथ बच्ची’ (एकांकी) है-जिसमें रोमांचक पहलू यह है कि एक शराबी-कुण्ठित, अविवाहित युवा अनाथ बच्ची को पड़ा देख मुंह फेर कर आगे बढ़ जाना चाहता है, पर एकदम पैदा हुई परिस्थितियां उसकी मानवीयता को द्रवित कर, इस बात को मजबूर कर देती हैं कि वह अनाथ बच्ची का नाथ बनने के लिए दोनों हाथों को बढ़ा दें। एक बार हाथ बढ़े तो न सिर्फ अनाथ बच्ची, कुण्ठित युवा का सहारा बन उसकी जीवन नौका की दिषा बदलती चली जाती है बल्कि अविवाहित युवा भी अनाथ बच्ची को सर्वगुण सम्पन्न बना उसे समाज में एक ऐसा मुकाम दिलाने में सफल होता है, जिसके लिए लाखों लोग लालसा करते हैं।
Научна фантастика и фантазија