Anusandhan

· Nachiket Prakashan
5,0
2 recenzije
E-knjiga
197
Stranica
Ocene i recenzije nisu verifikovane  Saznajte više

O ovoj e-knjizi

पोवार समाज के लोग मालवा से वैनगंगा अंचल में कब और क्यों स्थानांतरित हुए ? किस मराठा शासक द्वारा उन्हें कृषि उद्योग के लिए उपहार में वैनगंगा क्षेत्र की विपुल भूमि प्राप्त हुई?

गोंड, मराठा एवं ब्रिटिश शासनकाल में पोवार समाज ने स्वयं को किस प्रकार प्रस्थापित किया? विभिन्न शासनकाल में समाज की बसाहट का विस्तार किस प्रकार हुआ? आदि तथ्यों की खोज विविध लिखित संदर्भों (Reference)के आलोक में की गयी है। 

    पोवार समाज वैनगंगा अंचल में लगभग इस्वी सन् 1700में स्थानांतरित हुआ है।इस ग्रंथ में समाज की मातृभाषा और संस्कृति का भी परिचय कराया गया। भारत की आज़ादी के पश्चात समाज की प्रगति, उभरती हुई समस्याएं और समाधान के मौलिक उपायों का भी सांगोपांग विवेचन किया गया है। अतः इस ग्रंथ में पोवार समाज का विगत लगभग 325 वर्षो का चित्रण और चरित्र , दशा एवं दिशा पूर्ण आवेग के साथ प्रगट हुई है।  यह एक मौलिक ग्रंथ है। इस शोध ग्रंथ में "गागर में सागर" की तरह ज्ञान उपलब्ध है। ‌ पोवार समाज के अध्येताओं के लिए यह ग्रंथ अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है ‌।


Ocene i recenzije

5,0
2 recenzije

O autoru

 1.पूर्ण नाम- ओंकारलाल चैतराम पटले

2. शिक्षा - एम ए.(इतिहास), एम ए.( राजनीति शास्त्र, युनिवर्सिटी प्रथम , अक्टूबर 1989, नागपुर विश्वविद्यालय), एम.एड़.

3. पद/व्यवसाय -(१) पूर्व प्राध्यापक - भवभूति महाविद्यालय, आमगांव.             

  (२)पूर्व प्राचार्य, शिक्षण महर्षि श्री लक्ष्मणराव मानकर शिक्षण महाविद्याल, आमगांव ( महाराष्ट्र)

4.स्थायी पत्ता- प्राचार्य ओ सी पटले, गोंदिया रोड़ आमगांव, जिला-गोंदिया ( महाराष्ट्र)441902.

5.मोबाईल नं-9422348612.

6. ईमेल - [email protected]

7.जन्म तारीख 10/2/1946.

8. ग्रंथ संपदा ( प्रकाशित पुस्तकें)

----------------------------

(1) प्रतिबिम्ब (शिक्षण महर्षि लक्ष्मणराव मानकर जीवन चरित्र)- 2000.

(2) भवभूति अब गीतों में...- 2004.

(3) वीर राजे चिमना बहादुर यांच्या विशेष संदर्भासह उत्तर मध्ययुगीन कामठा परगण्याचा इतिहास (1752-1818), ICHR , भारत सरकार द्वारे अनुदान प्राप्त ग्रंथ.- 2018.

(4) राजाभोज महाकाव्य - 2019.

(5)पोवारी भाषा संवर्धन: मौलिक सिद्धांत व व्यवहार - 2022.   

(6) समाजोत्थान का सिद्धांत -2023.                        (7) राजा भोज को राजत्व - 2023.

(8)कालिदास भवभूति - 2023.

(9)वैनगंगा की आधुनिक काव्यधारा -2023.

(10) 2018 की पोवारी भाषिक क्रांति -2024.

(11)पोवारी भाषा का परिचय एवं इतिहास-

2024.  

(12)पोवारों का इतिहास (1658-2022)- 2024.

ICHR, नई दिल्ली दिल्ली अनुदान प्राप्त ग्रंथ.

(13) अनुसंधान ( Research )-2024.                     

   9. अनुवादित ग्रंथ

----------------                 महर्षि जैमिनी रचित एवं रामगोपाल अग्रवाल द्वारा प्रकाशित "अग्रभागवत" नामक संस्कृत ग्रंथ का मराठी अनुवाद-2018.

  

10.विशेष उल्लेखनीय जानकारी 

--------------------------

(1)2018 में पोवारी भाषाई क्रांति लाई है। परिणामस्वरुप अब पोवार समाज में साहित्यिक क्रांति का दौर शुरु है।

 (2)2018 से वैनगंगा अंचल के पोवार समाज में भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, वैचारिक क्रांति का कार्य अविरत शुरु है।इस कार्य में बहुत तेज गति से सफलता प्राप्त हुई है।

(3) सनातन हिन्दू धर्म ही भारतवर्ष की प्राणशक्ति है।इस सच्चाई पर दृढ़ विश्वास है। सनातन हिन्दू धर्म की विचारधारा एवं हिन्दू दर्शन का प्रचार -प्रसार करते हैं।

(4) सत्कार में विशेष रुचि नहीं है। ज्ञान साधना एवं ऐतिहासिक अनुसंधान में विशेष दिलचस्पी है।

(5)अभी तक विविध विषयों पर 13 ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं।यही महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

12.सामाजिक कार्य

----------------

(1) श्रीरामचरितमानस संस्थान, नागपुर के अध्यक्ष 

(2) भवभूति रिसर्च अकादमी,आमगांव के अध्यक्ष 

(3) अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ के संरक्षक 

(4) वीर राजे चिमना बहादुर फाउंडेशन , गोंदिया के सक्रिय सदस्य 

(5) सामूहिक चेतना एवं समग्र पोवारी क्रांति अभियान के प्रणेता  

(6) सनातन हिन्दू धर्म की विचारधारा के प्रचारक

(7) राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न हिन्दी पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित.



Ocenite ovu e-knjigu

Javite nam svoje mišljenje.

Informacije o čitanju

Pametni telefoni i tableti
Instalirajte aplikaciju Google Play knjige za Android i iPad/iPhone. Automatski se sinhronizuje sa nalogom i omogućava vam da čitate onlajn i oflajn gde god da se nalazite.
Laptopovi i računari
Možete da slušate audio-knjige kupljene na Google Play-u pomoću veb-pregledača na računaru.
E-čitači i drugi uređaji
Da biste čitali na uređajima koje koriste e-mastilo, kao što su Kobo e-čitači, treba da preuzmete fajl i prenesete ga na uređaj. Pratite detaljna uputstva iz centra za pomoć da biste preneli fajlove u podržane e-čitače.