2004 में डिपार्टमेंट ऑफ़ सोशियोलॉजी, फ़ैकल्टी ऑफ़ आर्ट्स से समाजशास्त्र में स्नातक व 2006 में फ़ैकल्टी ऑफ़ सोशल वर्क, म. स. यूनिवर्सिटी ऑफ़ बड़ौदा से सोशल वर्क में परास्नातक। तत्पश्चात् 10 वर्षों से कॉरपोरेट घरानों के लिए मानव संसाधन (HR) प्रबंधन कर रही हैं। इन दिनों गैस और पेट्रोलियम कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड को अपनी सेवाएँ दे रही हैं। गुजरात में पिछले 18 वर्षों से रहते हुए, पढ़ाई और नौकरी के साथ-साथ हिंदी में लिखती रहीं। एक ग़ैर हिंदी राज्य में हिंदी लिखने और पढऩे वालों की कमी को बख़ूबी महसूस किया और हिंदी में लिखने को अपनी संस्कृति से स्वयं को जोड़ने का मार्ग बनाया। इनकी कविताएँ युवा मन के भाव हैं जो जीवन के अनेक पड़ावों में मिले अनुभवों को व्यक्त करने के मार्ग हैं। 'ऐ ज़िंदगी! तुम आना’ इनका पहला कविता-संग्रह है। आरती गुप्ता से आप [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं।