The Facts of India

· Pen of India
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About this ebook

भारत की संस्कृति बहुत पुरानी है। भारत के सभी देशों का पथप्रदर्शक कहा जाये तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। वेद पुराण, महाभारत, रामायण, चाणक्य नीति आदि सभी ग्रंथ न केवल विश्व भर में प्रसिद्ध हुए अपितु कहीं न कहीं इनमें जीवन सार समाया है। भारत की भूमि ने सबका हंसकर स्वागत किया है। कुछ ने इसका बखूबी फ़ायदा भी उठाया। भारत ने विश्व पटल पर अपनी एक पहचान तो छोड़ी पर वक्त के साथ- साथ उसमें अनेक विसंगतियां उत्पन्न हो गई।

लोगों ने कभी मुगलों से बचने के लिए खुद को बदला, तो कभी पाश्चात्य चोले को ओढ़ने का प्रयास किया परिणाम स्वरूप अपनी असली विरासत से हाथ धो बैठा।

भारत के अनेक आयाम है । विभिन्न संस्कृतियों का मेल और विभिन्न परम्पराओं का मिश्रण। यहां लोगों का रहन- सहन वहां के जलवायु पर तो निर्भर करता ही है साथ ही साथ यहां दूसरे देशों के आगमन का प्रभाव भी भारतीयों के जीवन पर स्पष्ट दिखाई देता है । भारतीयों को अपना एक अस्तिव हमेशा ही रहा जिसने विश्व के तमाम देशों को प्रभावित किया ।

यहां एक और जहां अंग्रेज़ों से प्रभावित पाश्चात्य वस्त्र धारण करने वाले है वहीं प्राचीन धारणाओं को मानने वाले तिलक धारी, प्रतिदिन रीति-रिवाज़ का पालन करने वाले भी हैं।

प्रस्तुत पुस्तक में मैंने चाहा है कि जीवन के हर पहलू को दर्शा सकूं। एक तरह जहां किसानों की अपनी स्थिति है वहीं दूसरी ओर महिलाओं का व्यथित जीवन।

एक ओर जहां आधुनिक भारत दिखाई देता है वहीं विरासत से भरपूर भारत की छटा भी सबका मन मोह लेती है।

भारत एक विशाल परिकल्पना है विशाल शाखाओं और सहस्त्र विचारधाराओं से परिपूर्ण इसे केवल एक पुस्तक में समेट लेना सूरज के आगे दीया जलाने के समान है हजारों ग्रंथ भी भारत की गाथा को संपूर्ण करने में असमर्थ है I

अनेकों बोली, अनेकों सभ्यताओं, अनेकों दृष्टिकोण से जुड़ा भारत सदैव ही अपने में अनोखी चीजें समेटे सब को अपनी और आकर्षित करता ही रहा है और सदैव करता ही रहेगा I

इस प्रस्तुत पुस्तकभारतीय समाज का आईना ” में जीवन के कुछ ऐसे पहलुओं को लेकर कलम चली है जो भारत के किसी न किसी पक्ष का प्रतिबिम्ब है।

Ratings and reviews

4.9
14 reviews
Palash Shahi
December 10, 2020
♥ Review: The hype around this book has been unquestionable and, admittedly, that made me both eager to get my hands on it and terrified to read it. liked this book. People who are interested in facts of Indian society will most probably be interested in reading this book.Readers can gain knowledge of what it was like to live in homogeneous society of Indian subcontinent. One of the things that was especially interesting was that the writing style is captivating. Writer has used simple Language to describe the complexities of Indian society. This book was very well written.This book is suitable for all ages❤️ 9/10
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Sonali Paul
December 10, 2020
Worth reading it.. The book is really knowledgeable!! Keep up the good work!!
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rahul gulati
December 10, 2020
Loved this book. In this book the writer depicts the indian society very nicely. Must read
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About the author

“आशा पाल” जो कि एक बंगाली परिवार से संबंध रखती है परंतु हिंदी, और हिंदी साहित्य के प्रति उनके लगाव ने उन्हें हिंदी में ही एम॰ ए॰ करने के लिए प्रेरित किया। हिंदी के प्रति रूझान पैदा करने और पथ प्रदर्शन करने का श्रेय उनकी माध्यमिक हिंदी अध्यापिका को जाता है ।

वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिन्दी और एडुकेशन में स्नातकोत्तर करने के साथ -साथ शिक्षा जगत से जुड़ी।

कॉलेज के दिनों में ही उनकी रचनाएँ प्रकाशित होने लगी थीं।

भाषा अध्यापन के तहत ही विभिन्न रचनाकारों से भी परिचित हुई। उनकी रचनाएं और कुछ नहीं बस उनके मन के कुछ भाव हैं, जो अनायास ही प्रवाहित हो उठते हैं।

कहा जाता कि 'साहित्य समाज का आईना है' विभिन्न परिस्थितियां, व्यवहार, संबंध ही रचनाकार के रचना की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं ।

इस प्रस्तुत पुस्तक में उन्होंने अपने सह लेखकों के साथ मिलकर भारत की कुछ खूबियों, परिस्थितियों, आचार- विचार, रीति- रिवाजों और कुरीतियों से सम्बन्धित रचनाओं को सबके समक्ष रखा है।

“भारतीय समाज का आईना” आशा है यह अपने उद्देश्य में खरा उतरेगा।


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