श्री छगन लाल गर्ग मूलतः संवेदनशील विचारों के रचनाकार हैं, उनके लिए भावनाएं सर्वोपरि हैं, जो उनकी इस काव्य पुस्तक ‘मदांध मन’ में स्पष्ट दिखलायी दे रहा है। उनकी प्रत्येक रचना में मानवीय मूल्य कूट-कूट कर भरे हैं। मर्म को छू जाने वाली संवेदनाओं के सम्मुख वह किसी अन्य विचारधारा को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं । एक सच्चे रचनाकार की यही पहचान है कि वह संकीर्ण एवं स्वार्थी विचारधाराओं से परे मानवीय भावों से ओत-प्रोत चिंतन करे । छगन लाल गर्ग जी की अधिकांश रचनाएं इसमें समर्थ प्रतीत होती हैं । यह काव्य संग्रह ऐसी ही रचनाओं से समृद्ध है । अनेक रचनाओं में उनके भाव अति उत्तम एवं सन्देश परक भी हैं । प्रस्तुत काव्य संग्रह छगन लाल गर्ग की अनुभूतियों से जनमानस को अवगत कराये, यही कामना है । यह संग्रह श्री छगन लाल गर्ग के भीतर छिपी अनेक सम्भावनाओं को भविष्य में उत्कृष्ट रचनाकार के रूप में अभिव्यक्त करने में समर्थ है । इस संग्रह को साहित्य जगत में यथोचित सम्मान मिले, यही कामना है । -डाॅ. सुधाकर आशावादी