Taxmann's Environmental Science | Theory into Practice (UGCF | NEP) | Hindi – Incorporates Point-wise Explanations | Policy Updates | Practical Exercises | Past Exam Papers

· ·
· Taxmann Publicaions Private Limited
4.8
6 reviews
Ebook
21
Pages
Ratings and reviews aren’t verified  Learn More

About this ebook

पर्यावरण विज्ञान – सिद्धांत एवं व्यवहार  एक व्यापक और प्रामाणिक पाठ्यपुस्तक है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और स्नातक पाठ्यक्रम रूपरेखा (UGCF) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह पुस्तक भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के पर्यावरण विज्ञान पाठ्यक्रम के निर्धारित पाठ्यक्रम को पूरी तरह से कवर करती है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (NCWEB) और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) जैसे संस्थान शामिल हैं। सरल और छात्र-अनुकूल भाषा में लिखी गई इस पुस्तक में सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ समाहित किया गया है, जिससे पाठकों को पर्यावरणीय सिद्धांतों को समझने और लागू करने में सहायता मिलती है।

 

यह पुस्तक निम्नलिखित पाठकों के लिए उपयुक्त है:

स्नातक छात्र – उन छात्रों के लिए आदर्श जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत पर्यावरण विज्ञान या संबंधित क्षमता संवर्धन पाठ्यक्रम (AEC) का अध्ययन कर रहे हैं।

शिक्षक और प्रशिक्षक – उन शिक्षकों के लिए एक बहुमूल्य संसाधन जो व्यापक, अद्यतन सामग्री, व्यावहारिक गतिविधियाँ और अध्ययन प्रकरण (Case Studies) प्रदान करना चाहते हैं।

प्रतियोगी परीक्षा अभ्यर्थी – इस पुस्तक की बिंदुवार व्याख्या और परीक्षा केंद्रित दृष्टिकोण, पूर्व प्रश्नपत्रों सहित, पर्यावरण अध्ययन से संबंधित विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

पर्यावरण विज्ञान के प्रति उत्साही पाठक – जो आधुनिक पर्यावरणीय चुनौतियों, नीतियों और स्थायी समाधान को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक अत्यंत ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।

 

वर्तमान प्रकाशन द्वितीय संस्करण है, जिसे डॉ. संजय कुमार बत्रा, डॉ. कंचन बत्रा और प्रो. हरप्रीत कौर द्वारा लिखा गया है, और इसमें निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ शामिल हैं:

• [NEP-संरेखित और UGCF-आधारित] नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पाठ्यक्रम रूपरेखा के अनुसार, जिससे आवश्यक अवधारणाओं का व्यापक कवरेज सुनिश्चित होता है।

• [पूर्ण पाठ्यक्रम कवरेज] भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के पर्यावरण विज्ञान पाठ्यक्रम को शामिल करता है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, NCWEB और SOL भी सम्मिलित हैं।

• [विस्तृत विषय रिपोर्टिंग] पारिस्थितिकी तंत्र, प्राकृतिक संसाधन, जैव विविधता, आपदा प्रबंधन, प्रदूषण, ग्रीनहाउस प्रभाव, और संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे प्रमुख पर्यावरणीय विषयों पर गहन चर्चा।

• [अद्यतन नीतिगत अंतर्दृष्टि] पर्यावरणीय नीतियों, मानव जनसंख्या वृद्धि, G20 शिखर सम्मेलन और अन्य समसामयिक विकासों पर विशेष अपडेट।

• [बिंदुवार व्याख्या] प्रत्येक विषय को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया गया है, जिससे शीघ्र पुनरावलोकन और बेहतर अवधारणात्मक पकड़ संभव हो सके।

• [व्यावहारिक/अनुभवात्मक दृष्टिकोण] प्रत्येक अध्याय के अंत में व्यावहारिक अभ्यास, सामुदायिक गतिविधियाँ और अनुभवात्मक कार्य सम्मिलित हैं, जो सीखने को सुदृढ़ करते हैं।

• [परीक्षा केंद्रित] विषयगत और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की भरपूर सामग्री, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व वर्षों के प्रश्नपत्रों के साथ-साथ संदर्भ हेतु पिछली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी सम्मिलित हैं।

• [अध्ययन प्रकरण (Case Studies) और व्यावहारिक उदाहरण] भारतीय और वैश्विक केस स्टडी को शामिल किया गया है, जो पर्यावरणीय सिद्धांतों को व्यावहारिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करता है।

• [लेखकों की विशेषज्ञता] लेखकगण शिक्षण, अनुसंधान और प्रकाशन के दशकों के अनुभव के साथ गहन और अकादमिक रूप से समृद्ध दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।

• [नियमित अपडेट] G20 शिखर सम्मेलन चर्चाओं जैसी वर्तमान नीतियों और नवीनतम पर्यावरणीय चुनौतियों पर जोर दिया गया है, जिससे पाठकों को अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सके।

• [समावेशी दृष्टिकोण] सामग्री को स्पष्ट और सुलभ भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों और पाठ्यक्रमों के छात्रों को सहज अध्ययन का अवसर मिले।

• [इंटरैक्टिव लर्निंग] प्रत्येक अध्याय के अंत में व्यावहारिक अभ्यास और केस स्टडी शामिल हैं, जो सहयोग, आलोचनात्मक चिंतन और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देते हैं।

 

पुस्तक की कवरेज निम्नलिखित है:

प्रथम वर्ष का पाठ्यक्रम

o पर्यावरण अध्ययन का परिचय – बहुविषयक स्वरूप, पर्यावरण के घटक, क्षेत्र, स्थिरता का महत्व, और पर्यावरणीय आंदोलनों के ऐतिहासिक पड़ाव।

o पारिस्थितिकी तंत्र – परिभाषा, संरचना (जीववैज्ञानिक एवं अजैविक घटक), कार्य (ऊर्जा प्रवाह, खाद्य जाल, पोषक तत्व चक्रण), पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ, और संरक्षण रणनीतियाँ।

o प्राकृतिक संसाधन – भूमि, जल और ऊर्जा संसाधनों पर विशेष ध्यान, टिकाऊ उपयोग, संसाधन क्षय, और चिपको आंदोलन, तरुण भारत संघ जैसे उल्लेखनीय अध्ययन प्रकरण।

o पर्यावरणीय प्रदूषण – वायु, जल, मिट्टी, तापीय और ध्वनि प्रदूषण, साथ ही परमाणु जोखिम; नियंत्रण उपाय, मानक, और वैश्विक उदाहरण जैसे गंगा कार्य योजना और दिल्ली वायु प्रदूषण।

द्वितीय वर्ष का पाठ्यक्रम

o वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे एवं नीतियाँ – जलवायु परिवर्तन, वैश्विक ऊष्मीकरण, ओजोन परत का क्षय, अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ (UNFCCC, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, क्योटो प्रोटोकॉल, CBD), और भारत की राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना।

o जैव विविधता एवं संरक्षण – आनुवंशिक, प्रजातीय, और पारिस्थितिक विविधता की अवधारणाएँ; जैव विविधता हॉटस्पॉट; भारत की संकटग्रस्त प्रजातियाँ; स्थल-आधारित एवं स्थल-बाह्य संरक्षण विधियाँ; प्रमुख संरक्षण परियोजनाएँ (प्रोजेक्ट टाइगर, गिद्ध प्रजनन कार्यक्रम आदि)।

o मानव समुदाय एवं पर्यावरण – जनसंख्या वृद्धि, पर्यावरणीय आंदोलन (चिपको, अप्पिको, नर्मदा बचाओ आंदोलन), पर्यावरण नैतिकता, और संरक्षण में धर्मों की भूमिका।

प्रत्येक इकाई में समीक्षा प्रश्न, पूर्व परीक्षा प्रश्न, वस्तुनिष्ठ प्रश्न, व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं, जो सघन अभ्यास और अनुभवजन्य शिक्षण को बढ़ावा देते हैं।

 

पुस्तक की संरचना निम्नलिखित है:

तार्किक इकाई-आधारित प्रवाह – UGCF आधारित NEP पाठ्यक्रम के अनुरूप सात प्रमुख इकाइयों/अध्यायों में विभाजित।

अध्याय सारांश एवं पुनरावलोकन – प्रत्येक अध्याय परिचय से शुरू होकर सारांश या संक्षिप्त पुनरावलोकन के साथ समाप्त होता है, जिससे सीखने के उद्देश्य मजबूत होते हैं।

अभ्यास सामग्री

o समीक्षा प्रश्न– संक्षिप्त उत्तर एवं चर्चा-आधारित प्रश्न, जो वैचारिक समझ को परखते हैं।

o पूर्व परीक्षा पत्र – परीक्षा पैटर्न से परिचित कराने के लिए अमूल्य संसाधन।

o वस्तुनिष्ठ प्रश्न– शीघ्र पुनरावलोकन एवं आत्म-मूल्यांकन के लिए आदर्श।

व्यावहारिक अभ्यास – प्रयोगों, सामुदायिक गतिविधियों, और क्षेत्रीय भ्रमण के माध्यम से अनुभवजन्य शिक्षण को प्रोत्साहन।

सुलभ स्वरूपण – बिंदुवार व्याख्या, सारणियाँ, चित्र, और वास्तविक जीवन के उदाहरण पर्यावरणीय अवधारणाओं को सरल बनाने में सहायक।

Ratings and reviews

4.8
6 reviews
Radhika Subedi
May 17, 2025
this is so entreating book
Did you find this helpful?

About the author

Dr Sanjay Kumar Batra is a professor in the Department of Chemistry at Sri Venkateswara College, University of Delhi, with twenty-seven years of experience teaching Physical Chemistry. He has published numerous research papers in prestigious international journals. His research interests encompass molecular spectroscopy, drug development, molecular immunology, and nanotechnology applications. Additionally, he serves as a reviewer for several international journals. Dr. Batra has authored and co-authored several books on Environmental Science, Green Chemistry, Science and Life, Experiments in Physical Chemistry, and Practical Green Chemistry. He has also contributed numerous chapters on the application of nanomaterials in international books.

Dr Kanchan Batra is an Associate Professor in the Department of Zoology at Kalindi College, University of Delhi. With eighteen years of teaching experience, she specialises in ecology, diversity of chordates, and environmental studies. A distinguished academic, Dr. Batra was awarded the Gold Medal for her M.Sc. in Zoology. She has authored and co-authored several books on science and life, as well as environmental science, and contributed numerous chapters to highly reputed international books on nanotechnology.

Prof. Harpreet Kaur, Principal of Mata Sundri College for Women, Delhi University, boasts twenty-nine years of teaching experience. She has authored and co-authored numerous books, including 'Democracy and Governance in India,' 'Public Administration in Theory and Practice,' 'Politics, Ethics and Social Responsibility of Business,' 'Reservations in India,' 'Recent Perspectives in Higher Education,' and

'Corporate Governance.' Prof. Kaur has published several papers in national and international journals and presented her work at prestigious conferences, including those at Stanford University, California, USA, and the Warsaw School of Economics, Warsaw, Poland.

Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.