मेरी पहली किताब ष्ग्रामीण समाजए मजहब और कानूनष् में गांव की दो प्यार करने वालों की एक दिल छू लेने वाली कहानी है जिसने मुझे यह किताब लिखने की ओर प्रेरित किया ।
इस किताब को लिखने के मेरे दो उद्देश्य हैं।
पहलार इन दो प्यार करने वालों को और इनके जैसा प्यार करने वालों को हमेशा हमेशा के लिए मिलाना ।
दूसरा उद्देश्यर सिर्फ इतना है कि लोग इस किताब को पढ़े और अपने बच्चों की शादियों को लेकर सही फैसला करें।
शाबाज़ राव S/O साबिर अली, गांव चैसाना, जिला शामली, उत्तर प्रदेश के निवासी है जिनका जन्म एक साधारण परिवार में 1 मार्च 1996 को हुआ। इनके पिता एक किसान हैं और पढ़ाई के लिए इनको हमेशा मोटिवेट करते रहते हैं।
इन्होंने गणित वर्ग से अपनी स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही पढ़ने.पढ़ाने का शौक था तो अब गांव में ही अपना एक कोचिंग सेंटर चलाते हैं।