<p>दौड़ अनुशासन और अभिव्यक्ति सिखाती है। इसके साथ भले ही बहुत सारी परेशान करने वाली चीजें, कुंठाएँ, असफलताएँ और अनपेक्षित सफलताएँ हों, पर ये सब मिलकर जीवन में बड़ा योगदान करती हैं। यह सिखाती है कि कैसे दबाव में रहकर भी वर्तमान में रहना चाहिए। यह सिखाती है, उत्साह कितना महत्त्वपूर्ण घटक है। कठिन परिश्रम जरूर फल देता है। इसके लिए वह समर्पण चाहिए, जो हर काम में नजर आना चाहिए। सही तरीके से खान-पान, सुबह जल्दी उठना आदि जरूरी है। दरअसल, जो महान् खिलाड़ी होते हैं, वे हर चीज अतिरिक्त करते हैं। वे वजन घटाने के कमरे में अधिक रहते हैं, अतिरिक्त दौड़ते हैं और जो भी सब अतिरिक्त होता है, यानी बाकी लोगों से थोड़ा ज्यादा। </p><p>- इसी पुस्तक से </p><p>एक मील की दौड़ मात्र 3:59:4 मिनट में पूरी कर इतिहास रचनेवाले एथलीट सर रोजर बैनिस्टर (23.3.1929-03.3.2018) की संकल्पशक्ति, जिजीविषा, परिश्रम और समर्पण की प्रेरक गाथा है यह पुस्तक । </p><p>भावी खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए पूरी तरह समर्पित करने का भाव जगाकर अपेक्षित सफलताएँ पाने का पथ प्रशस्त करती यह पुस्तक न केवल आत्मविश्वास जाग्रत् करेगी अपितु प्रतिस्पर्धा में भी पारस्परिकता और टीम भावना को बल देगी। </p>