पिता - श्री घनश्याम
माता - श्रीमती मीना देवी
ग्राम - सवरगह पो0 अम्बरपुर
जिला - अम्बेडकर नगर (यूपी0)
शिक्षा - मेरी शुरुआत की पढ़ाई अम्बरपुर के प्रायमरी पाठशाला से हुई और आगे 10वीं की शिक्षा मुझे इक मदरसा स्कूल ( मसूद अख्तर इंटर कालेज ) नगपुर जलालपुर से हुई है ।
बाकी की 11वीं से बीए0 की तालीम मुझे झांबाबा डग्री कालेज सुरजूपुर अम्बेकरनगर से हुई।
मेरा बीएड श्री शंकर जी पी0 जी0 कालेज मठिया से है।
मेरा हिंदी, संस्कृत, उर्दू , पंजाबी, और इंग्लिश, सभी भाषाओं से बहुत गहरा लगाव रहा है ।
*मेरी आज तक की कुल रचनाएं*
हिंदी की *757* कविता और *67* उर्दू की ग़ज़लें हैं ,
और *27* हिंदी में कहानी है ।
और *12* अंग्रेजी की कविता ,
*3* अंग्रेजी की *sonnet* है।
और 4 कहानी की पंजाबी में अनुवाद रहा है।
मुझे लिखने का शौक बचपन से ही रहा है । मै हरवक्त यही चाहता था कि मुझे एक दिन दुनिया का सबसे बड़ा लेखक बनना है और फिल्म स्टैंडी में काम करने का शौक ही मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया क्योंकि मुझे फिल्म का डायरेक्टर बनने का बहुत ख्वाहिश है । इसी को लेकर के मै आज तक बहुत कुछ लिखा हूं जो मेरे जीवन काल में बहुत ही उपयोगी बन चुके है जैसे कोई व्यक्ति अपने जीवन साथी के साथ में खुशी खुशी अपने सम्पूर्ण जीवन को बिता देता है उसी प्रकार मेरी सम्पूर्ण रचनाएं ही मेरे जीवन साथी है । जिनके साथ मै बड़े खुशी से अपने जीवन को बिताना चाहता हूं।
नाम - कृष्ण कपूर kmg
पिता - श्री घनश्याम
माता - श्रीमती मीना देवी
ग्राम - सवरगह पो0 अम्बरपुर
जिला - अम्बेडकर नगर (यूपी0)
शिक्षा - मेरी शुरुआत की पढ़ाई अम्बरपुर के प्रायमरी पाठशाला से हुई और आगे 10वीं की शिक्षा मुझे इक मदरसा स्कूल ( मसूद अख्तर इंटर कालेज ) नगपुर जलालपुर से हुई है ।
बाकी की 11वीं से बीए0 की तालीम मुझे झांबाबा डग्री कालेज सुरजूपुर अम्बेकरनगर से हुई।
मेरा बीएड श्री शंकर जी पी0 जी0 कालेज मठिया से है।
मेरा हिंदी, संस्कृत, उर्दू , पंजाबी, और इंग्लिश, सभी भाषाओं से बहुत गहरा लगाव रहा है ।
*मेरी आज तक की कुल रचनाएं*
हिंदी की *757* कविता और *67* उर्दू की ग़ज़लें हैं ,
और *27* हिंदी में कहानी है ।
और *12* अंग्रेजी की कविता ,
*3* अंग्रेजी की *sonnet* है।
और 4 कहानी की पंजाबी में अनुवाद रहा है।
मुझे लिखने का शौक बचपन से ही रहा है । मै हरवक्त यही चाहता था कि मुझे एक दिन दुनिया का सबसे बड़ा लेखक बनना है और फिल्म स्टैंडी में काम करने का शौक ही मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया क्योंकि मुझे फिल्म का डायरेक्टर बनने का बहुत ख्वाहिश है । इसी को लेकर के मै आज तक बहुत कुछ लिखा हूं जो मेरे जीवन काल में बहुत ही उपयोगी बन चुके है जैसे कोई व्यक्ति अपने जीवन साथी के साथ में खुशी खुशी अपने सम्पूर्ण जीवन को बिता देता है उसी प्रकार मेरी सम्पूर्ण रचनाएं ही मेरे जीवन साथी है । जिनके साथ मै बड़े खुशी से अपने जीवन को बिताना चाहता हूं।