निशीथ श्रीवास्तव जन्म : 1954. निवास : जबलपुर एवं नोएडा शिक्षा: बी.एससी. तथा एलएल.बी. कार्यक्षेत्र: 35 वर्ष शासकीय सेवा के बाद सेवानिवृत्ति। लेखन: पहली व्यंग्य कविता प्रतिष्ठित पत्रिका सरिता के अप्रेल 1971 में प्रकाशित हुई थी, तब से नौकरी एवं पारिवारिक जीवन की चक्की में चलते-चलते यदाकदा लेखन कार्य जारी रहा। यह प्रथम पुस्तक प्रकाशन है। हास्य व्यंग्य : मूढ़मति के संग - हास्य व्यंग्य से ओतप्रोत चुनिंदा 45 मौलिक लेखों का संग्रह है जो हिन्दी के हर उम्र और हर बौद्धिक स्तर के पाठक को गुदगुदा देगा। विशुद्ध हास्य पोपला होता है जबकि व्यंग्य के तीखे दाँत होते हैं। प्रयास किया गया है कि प्रत्येक मजेदार लेख के पोपले मुख में एक-दो दाँत भी, जब मौक़ा लगे तब, बिना चूक अपना कार्य बखूबी करते जाएं। इस पुस्तक के माध्यम से हँसाने की जवाबदारी हमारी, पर आपके दंत पंक्तियों की सफाई आप के जिम्मे! मैंने प्रत्येक लेख में उच्च स्तरीय साहित्यिक और क्लिष्ट हिंदी से बचते हुवे सामान्य जन की उस मजेदार, सरल व सरस हिंदी भाषा को अंगीकृत करने का प्रयास किया है जिससे कलेवर बोझिल न हो जाए और सभी आयु वर्ग के पाठक हास्य व्यंग्य के भरपूर मज़े ले सकें।