Albela Ehsaas

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Ebook
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About this ebook

‘अलबेला एहसास’ केवल एक काव्य-संग्रह नहीं, भावनाओं की उस यात्रा का नाम है जहाँ शब्द, संवेदना, अनुभव और आत्मा- All blend together in a unique, heartfelt symphony. इस संग्रह की विशिष्टता इसकी भाषा में है- जहाँ शुद्ध हिंदी, उर्दू की नरम मिठास और आम बोलचाल की सहज अभिव्यक्तियाँ मिलकर एक भाषायी संगम रचती हैं। यही संगम इस संकलन को न केवल पठनीय बनाता है, बल्कि उसे एक आत्मिक स्पर्श भी देता है। हर कविता एक अलग अनुभव है- कहीं प्रेम की मासूम सरगोशियाँ हैं, कहीं आत्मा का गहन संवाद। कहीं तन्हाई की स्याही है, तो कहीं समाज की तीखी सच्चाई। यही विविधता इस संग्रह की विशेष पहचान है। इस पुस्तक को विषयवस्तु और भावों की प्रकृति के अनुसार विभिन्न खंडों में विभाजित किया गया है: प्रेम / एहसास - जहाँ दिल की धड़कनें शब्द बनती हैं। आत्मचिंतन / प्रेरणा / दर्शन - जो आत्मा को आईना दिखाती हैं। तन्हाई और जुड़ाव - जहाँ अकेलेपन की गहराइयाँ और संबंधों की परछाइयाँ मिलती हैं। संघर्ष / सामाजिक चेतना - जो समाज की अनकही पीड़ा और बदलाव की पुकार है। राष्ट्र प्रेम / प्रेरणा - देशभक्ति और प्रेरणादायी भावनाओं का उत्सव। आध्यात्मिकता / जीवन बोध – जहाँ आत्मा ब्रह्म से संवाद करती है। अंग्रेज़ी अनुभाग -

Universal भावनाओं का वैश्विक स्वरूप। ‘अलबेला एहसास’ एक ऐसा दर्पण है, जिसमें हर पाठक खुद को, अपने किसी भूले हुए अहसास को या अपनी किसी अधूरी कहानी को देख सकेगा।

About the author

प्रवीण कुमार पांडेय एक अनुभवी प्रशासक, गम्भीर भावनात्मक समझ वाला कवि और जीवन के विविध रंगों को आत्मसात् कर उन्हें शब्दों में ढालने वाले संवेदनशील लेखक हैं। वे पिछले तीन दशकों से शिक्षा, वित्तीय संस्थानों और सहकारी व्यवस्थाओं में विभिन्न जिम्मेदारियाँ निभाते हुए भी साहित्य से गहरे जुड़े रहे हैं। वर्तमान में आप निजी विश्वविद्यालय, रायपुर में प्रशासकीय उप प्रबंधक (Deputy Manager) के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व आपने बैंकिंग / वित्तीय संस्था की विभिन्न प्रमुख इकाइयों में State Operation Head, क्षेत्रीय व्यवसाय प्रबंधक, द्वितीय प्रमुख, कंप्यूटर प्रोग्रामर जैसे पदों पर कार्य किया।

शैक्षिक पृष्ठभूमि: आप एक स्नातकोत्तर (Post Graduate) हैं, सूचना तकनीक (Information Technology) में। तकनीकी दक्षता के साथ-साथ आपके भीतर साहित्य और भावनाओं की गहराई का विलक्षण समन्वय है।

 

साहित्यिक पहचान: प्रवीण जी की कविताएँ भावनाओं की तरलता, आत्मसंघर्ष, प्रेम की अनुभूति, सामाजिक सजगता और आत्मचिंतन की पराकाष्ठा का समन्वय हैं। उनकी लेखनी में शुद्ध हिंदी, बोलचाल की भाषा और उर्दू के कोमल जज़्बातों का संतुलित प्रयोग मिलता है, जो पाठकों को सीधा दिल से जोड़ता है। उनकी कई कविताएं और लेख पूर्व में पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उनको कई नामचीन साहित्यकारों का सानिध्य भी मिला।


‘अलबेला एहसास’ के बारे में: यह उनके भावात्मक अनुभवों, सामाजिक दृष्टिकोण और मानवीय संवेदनाओं का सजीव दस्तावेज़ है। इसमें प्रेम, तन्हाई, आत्म-खोज, अध्यात्म और सामाजिक यथार्थ के कई रंग समाहित हैं।


विश्वास: उनका मानना है- "कविता केवल अभिव्यक्ति नहीं, आत्मा की अनुभूति है। वह तब तक अधूरी है, जब तक किसी और की धड़कनों से न टकराए।"

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