Powaron Ka Itihas

· Nachiket Prakashan
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220
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About this ebook

  पोवारों के इतिहास पर लिखा गया यह एक उत्तम अनुसंधानात्मक ग्रंथ हैं। यह शोध ग्रंथ ICHR नई दिल्ली के मार्गदर्शन में लिखा गया है और अनुदान प्राप्त होने के कारण नि: संदेह विश्वसनीय, प्रामाणिक एवं वैध इतिहास ग्रंथ है।

    इस ग्रंथ में क्षत्रिय पोवार समाज के लोग औरंगजेब विरुद्ध बख्त बुलंद के बीच शुरू युद्ध में बुलंद शाह को सैनिक सहयोग करने आये और वैनगंगा अंचल में स्थाई रुप से बस गये, यह सच्चाई इतिहास में पहली बार शोध के माध्यम से स्पष्ट हुई है। परिणामस्वरूप पोवार समुदाय के माथे पर पलायन का कलंक लगाया जाता था वह गलत साबित हुआ है। इसलिए यह अनुसंधान पोवार समाज के स्वाभिमान की दृष्टि से मिल का पत्थर साबित होगा और भविष्य में सदैव महत्वपूर्ण माना जायेगा।   

   इस ग्रंथ में लेखक द्वारा पोवार समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, आदि सभी पहलुओं को प्रमाण सहित निर्भयता से उजागर किया गया है । इसलिए यह शोध ग्रंथ समाज के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है। यह ग्रंथ रोचक, समाजोपयोगी, शिक्षा क्षेत्र के लिए उपयुक्त, ज्ञानवर्धक एवं संदर्भ ग्रंथ के रुप में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Ratings and reviews

5.0
2 reviews
Onkar Patle
May 24, 2025
This book is written according to the historical research methodology under the guidance of the Indian Council of Historical research,New Delhi (ICHR). So that the book is like a thesis of PhD. In this research book the writer has very beautifully difind the Linguistic, Social, Cultural, Religious, Economical and Political aspects of the Powar Community. The book is most Valuable to understand the Powar Community of the Central India.
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Govardhan Bisen (Gokul)
May 12, 2025
"पोवारो का इतिहास" प्राचार्य ओ.सी. पटले सर की बहुत ही महत्वपूर्ण कृति है, जो परिश्रमपूर्वक अभ्यास और शोध का परिणाम है. यह ग्रंथ एक शोध प्रबंध की तरह पी.एच.डी.स्तर का ग्रंथ है ऐसा मेरा मत है. लेखक के इस श्रम का सम्मान करते हुए मै उन्हे बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित कर रहा हूँ. इंजी. गोवर्धन बिसेन 'गोकुल' अध्यक्ष, राष्ट्रीय पोवारी साहित्य समिती, अ.भा.पोवार महासंघ, भारत
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About the author

  "पोवारों का इतिहास"इस ग्रंथ के लेखक को इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय कानून,राजनय, शिक्षा शास्त्र,भारतीय दर्शन शास्त्र, अनुसंधान पद्धति,आदि अनेक विषयों में रुचि है और वे विविध विषयों पर लेखन करते है। उनमें भारत की माटी का प्रेम, अस्मिता और स्वाभिमान है। इसलिए उनकी लेखनी पाठकों को प्रभावित करती हैं और समाज में मातृभाषा, संस्कृति, राष्ट्र और सनातन धर्म के प्रति जागरूकता लाने में सफल साबित हुई है।

     मान्यवर लेखक श्री ओ सी पटले 2018 से पोवारी समाज में भाषाई, सांस्कृतिक एवं वैचारिक क्रांति लाने के लिए प्रयत्नशील है। वें जागृत पोवार समाज के नवनिर्माण को एक पावन अनुष्ठान मानकर निरंतर लेखन और जनजागृति का कार्य कर रहे है। उनके विचारों एवं प्रयासों से पोवार समुदाय में भाषाई, सांस्कृतिक एवं वैचारिक क्रांति आयी है। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के इतिहास तज्ज्ञो द्वारा उनके ग्रंथ की प्रशंसा की गई है। अतः उनके द्वारा रचित पोवारों का इतिहास, यह शोधग्रंथ पोवार समाज के लिए नि: संदेह प्रेरक, पथ-प्रदर्शक और अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर साबित होगा।

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