बूँद-बूँद से सरिता और सरोवर बनते हैं, ऐसे ही छोटे-छोटे पुण्य महापुण्य बनते हैं । छोटे-छोटे सदगुण समय पाकर मनुष्य में ऐसी महानता लाते हैं कि व्यक्ति बन्धन और मुक्ति के पार अपने निज स्वरूप को निहारकर विश्वरूप हो जाता है ।
जिन कारणों से व्यक्ति का जीवन अधःपतन की ओर जाता है वे कारण थोड़े-से इस पुस्तक में दर्शाये हैं । जिन उपायों से व्यक्ति का जीवन महानता की ओर चलता है वे उपाय, संतों के, शास्त्रों के वचन और अनुभव चुनकर आपके हाथ में प्रस्तुत करते हुए हम धन्य हो रहे हैं ।