पेशे से बैंकर और घूमने,पढ़ने- लिखने, संगीत सुनने के शौकीन सौरभ भट्ट पहाड़ के रहने वाले हैं। जन्मस्थान अंजनीसैन, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड में है और भारतीय स्टेट बैंक की नौकरी में आजकल चेन्नई में रहते हैं। उनकी इस पहली किताब में कविताएं हैं और कुछ ग़ज़लें,गीत भी। जो पहाड़ और वहां के लोगों ,रिश्ते- नातों,यादों,भावनाओं,जीवन के सरल और कठिन पहलुओं और मानव मन की सहज संवेदनाओं के कुछ 'उजियारे पन्नों' का गुलदस्ता आपके सामने है l हर लेखक की तरह उनको भी आपकी प्रतिक्रियाओं,सुझावों का इंतज़ार रहेगा।