Bhartiya Navjagran : Ek Asamapt Safar

· Vani Prakashan
5.0
1 review
Ebook
592
Pages
Ratings and reviews aren’t verified  Learn More

About this ebook

भारतीय नवजागरण : एक असमाप्त सफर - भारतीय नवजागरण वेदांत, बौद्ध धर्म और भक्ति आंदोलन के बाद चौथी महान घटना है। इसका संबंध नए भारत के निर्माण से है। 19वीं सदी की औपनिवेशिक स्थितियों में जो सुधार आंदोलन बंगाल, बंबई और मद्रास प्रेसिडेंसी में चले थे, उनकी विशिष्ट खबियों को उजागर करती है शंभुनाथ की पुस्तक भारतीय नवजागरण : एक असमाप्त सफर। इस पर भी रोशनी डालती है कि इस देश का नवजागरण किस अर्थ में यूरोपीय रिनेसां से भिन्न है, उसकी राह में कैसी बाधाएँ थीं, फिर भी उसने किस तरह धार्मिक कूपमंडूकता, जाति, लैंगिक भेदभाव तथा किसानों से जुड़े प्रश्न उठाए, साथ ही औपनिवेशिक आधुनिकता से बाहर आकर किस तरह उदारवादी राष्ट्रीय आत्मपहचान का संघर्ष तेज किया। भारतीय नवजागरण : एक असमाप्त सफर में पश्चिम और पूर्व, धर्म और बुद्धिपरकता, परंपरा और आधुनिकता, राष्ट्र और हाशिया के बीच असमाप्त संवाद की विवेचना है। यह भी देखा जा सकता है कि न सिर्फ 'बंगाल रिनेसां' में कई अंतर्धाराएँ हैं बल्कि हिंदी क्षेत्र, महाराष्ट्र-गुजरात और दक्षिण भारत के नवजागरण की स्थानीय खूबियाँ क्या हैं। लगभग सवा सौ साल का वह काल कितना अभूतपूर्व था, कैसी सांस्कृतिक उथल-पुथल से भरा था, उस काल में कैसे अनोखे व्यक्तित्व थे और उनके दार्शनिक तर्क-वितर्क तथा निर्भीक बहसों से समाज किस तरह आन्दोलित था-इन सबकी वैचारिक छवियाँ इस ग्रंथ में हैं। इस प्रश्न से भी मुठभेड़ है भारतीय जीवन में नवजागरण एक टूटा इंद्रधनुष है या एक असमाप्त सफर? लंबे समय तक नवजागरण-संबंधी खोजों से जुड़े रहे शंभुनाथ के विस्तृत अध्ययन और चिंतन का प्रतिबिंब है- भारतीय नवजागरण : एक असमाप्त सफर। यह नवजागरण के उच्छेदवादी और उत्तर-आधुनिक दृष्टिकोणों से टकराते हुए उसका एक भारतीय परिप्रेक्ष्य निर्मित करता है।

Ratings and reviews

5.0
1 review

About the author

जन्म : 1948। हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक और विचारक। कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व-प्रोफ़ेसर। केंद्रीय हिंदी संस्थान में 2006-08 के बीच निदेशक के रूप में कार्य। सम्प्रति-भारतीय भाषा परिषद के निदेशक और 'वागर्थ' मासिक के संपादक। शंभुनाथ प्रमुख पुस्तकें : संस्कृति की उत्तरकथा (2000), सभ्यता से संवाद (2008), रामविलास शर्मा (2011), भारतीय अस्मिता और हिंदी (2012), कवि की नई दुनिया (2012), राष्ट्रीय पुनर्जागरण और रामविलास शर्मा (2013), उपनिवेशवाद और हिंदी आलोचना (2014), प्रेमचंद का हिंदुस्तान : साम्राज्य से राष्ट्र (2014), हिंदी उपन्यास : राष्ट्र और हाशिया (2016), हिंदू मिथक : आधुनिक मन (2019), भारत की अवधारणा (2020), हिंदी नवजागरण : भारतेंदु और उनके बाद (2022)। संपादित पुस्तकें : सामाजिक क्रांति के दस्तावेज (दो खंड, 2004), 1857, नवजागरण और भारतीय भाषाएं (2007), हिंदी पत्रकारिता : हमारी विरासत (दो खंड, 2012), प्रसाद और राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन (2013), हिंदी साहित्य ज्ञानकोश (सात खंड, 2019)।


Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.