श्याम सुंदर शर्मा द्वारा लिखित यह पुस्तक वैज्ञानिक, भौगोलिक और वैश्विक दृष्टिकोण से अंटार्कटिका की भूमिका को गहराई से समझने का अवसर देती है।
पुस्तक में प्रस्तुत है कि कैसे यह हिमखंडों से ढँका विशाल भूभाग न केवल पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों, शोध कार्यों और वैश्विक रणनीति का केंद्र भी बन सकता है।
अंटार्कटिका: भविष्य का महाद्वीप पर्यावरण, ग्लोबल वार्मिंग, वैज्ञानिक खोजों और मानव अस्तित्व से जुड़े प्रश्नों को समकालीन संदर्भ में प्रस्तुत करती है।
यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, पर्यावरण प्रेमियों और विज्ञान में रुचि रखने वाले हर पाठक के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरक है।
अंटार्कटिका: भविष्य का महाद्वीप न केवल एक महाद्वीप की कहानी है, बल्कि हमारे ग्रह के भविष्य को लेकर एक गंभीर चेतावनी और आशावादी दृष्टिकोण भी है।