Suraj Ko Ugne Do: Poetry

· Uttkarsh Prakashan
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काव्य की अनेक विधायें इस पुस्तक की विशेषता है...ग़ज़ल विधा में कवि थोड़े शब्दों में अधिक विचार व्यक्त कर देता है । गीत एक सरस विधा है और कवि-मन इससे अछूता नहीं रह सकता । मन के भावों को शब्दों में बांधकर गीत के रूप में लिखना अत्यंत सुखद लगता है । ‘सूरज को उगने दो’ काव्य-संग्रह में ग़ज़ल, गीत और मुक्तक को सम्मिलित किया गया है। एक लंबी रचना ‘वेदना’ भी इसमें शामिल है । इस रचना में कवि ने अपनी पीड़ा का कई तरह से वर्णन और मानवीयकरण किया है । एक ही पुस्तक में पाठक काव्य की कई विधाओं का आनन्द ले सकेंगे ।

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