Vijay Purush: Rajnath Singh

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इस पुस्तक में भारतीय राजनीति के रणनीतिकार राजनाथ सिंह के राजनीतिक जीवन के साथ सामाजिक जीवन, संसदीय क्षेत्र, प्रदेश और देश में विभिन्न संवैधानिक पदों पर रहते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यों की विषयवस्तु को कालक्रमानुसार विस्तारपूर्वक परिचर्चा और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया गया है।

पुस्तक के पहले खंड में राजनाथ सिंह के सामाजिक और राजनीतिक जीवन की तथ्यात्मक, सूचनात्मक और विवरणात्मक परिचर्चा को समाहित किया गया है, जबकि दूसरे खंड में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के गृह एवं रक्षा मंत्री रहते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों और नवाचार आधारित पहलुओं को बताया गया है।

पुस्तक के तीसरे खंड में रक्षा, सुरक्षा और प्रतिरक्षा के क्षेत्र में रक्षा मंत्री के रूप में उनके द्वारा लिए गए निर्णयों और कार्यों का विवरण है, चतुर्थ खंड में संवैधानिक पदों पर रहते हुए समय-समय पर दिए गए राजनाथ जी के प्रमुख भाषणों के अंश तथा संसद में रखे गये विचारों को समाहित किया गया है, पाँचवें खंड में संसदीय क्षेत्र में किए गए उनके कार्यों एवं जनजीवन पर उसके प्रभाव की विश्लेषणात्मक चर्चा की गई है, जबकि अंतिम खंड में राजनाथ सिंह जी के जीवन वृत्त और स्मृतियों को चित्रावली के रूप में समाहित किया गया है।

इस पुस्तक में राजनाथ सिंह द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र, प्रदेश और देश के समावेशी व सतत विकास हेतु विभिन्न वर्गों, क्षेत्रों में किये गये सामाजिक व आर्थिक कार्यों के साथ निर्णयों, नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रमों का व्यवस्थित ढंग से पूर्ण तटस्थ होकर बारीकी से अध्ययन व विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक उनके संसदीय क्षेत्र लखनऊ, उत्तर प्रदेश के गतिमान कार्यों को प्रतिबिंबित करती है।

Acerca del autor

लेखक द्वारा विगत 20 वर्षों से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन समूहों में राजव्यवस्था एवं राजनीति, कला, साहित्य तथा संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व पर्यावरण सहित समसामयिक विषयों पर 200 से अधिक पुस्तकों का लेखन कार्य किया गया है। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें कई बार बेस्टसेलर की श्रेणी में चयनित व पुरस्कृत हुई हैं।

लेखक मानविकी एवं समसामयिक विषयों के गहन अध्ययन और विश्लेषण में विशेषज्ञता रखते हैं। 15 वर्षों तक 'प्रतियोगिता दृष्टि' मासिक पत्रिका के सह-संपादक रहते हुए सफल संपादन कार्य कर चुके है। वे योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों के सफल क्रियान्वयन के साथ उसके रणनीतिकार के रूप में तथा प्रदेश की राजनीतिक घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में भविष्यदृष्टय और विश्लेषण में विशेष दक्षता रखते हैं।

उन्हें आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर विभिन्न समसामायिक सामाजिक, राजनीतिक विषयों पर परिचर्चा हेतु अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, साथ ही वे योजना, कुरुक्षेत्र, विज्ञान प्रगति, आविष्कार जैसी देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख, आवरण कथा और शोध आधारित लेखन कार्य में निरंतर संलग्न हैं।

हाल ही में लेखक की उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की शासन व्यवस्था की अंतरगाथा का परिचय देने वाली पुस्तक 'गतिमान उत्तर प्रदेश : 8 वर्ष 180 दिन योगी सरकार' बहुचर्चित रही है।

संप्रति उ.प्र. भाषा विभाग के शासनाधीन स्वायत्तशासी संस्था, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा प्रशासनिक सेवा में संस्कृत की सहभागिता के साथ उसे रोजगार उन्मुख बनाने हेतु संचालित निःशुल्क सिविल सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक हैं।

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