बिहार में पत्रकारिता के इतिहास की कहानी इस पुस्तक में विस्तार से वर्णित है। इसमें ‘स्याह से स्याही का संघर्ष’ (इमरजेंसी के दौरान की पत्रकारिता), आनंद पटवर्धन का जेपी आंदोलन पर बना वृत्तचित्र ‘वेव्स ऑफ रिवोल्यूशन’ (क्रांति की लहरें) का विशद विवरण, ‘धनबाद पत्रकार उत्पीड़न कांड’ और ‘मुट्ठी से सरकती रेत’ (विनोदजी के साथ ‘प्रभात खबर’ की यात्रा) पहली बार प्रकाश में आ रहे हैं।
परिशिष्ट को संदर्भ की दृष्टि से समृद्ध किया गया है, जिससे आम आदमी के साथ पत्रकारों और शोधार्थियों को समझने के लिए व्यापक संदर्भ मिलें। पिछले दो दशक में मीडिया में आए बदलाव की चर्चा भी इसमें हैं और ईस्ट इंडिया कंपनी पर नई सामग्री भी है। यथासंभव जरूरी आँकड़े और सूचियाँ भी इसमें शामिल की गई हैं।
मीडियाकर्मियों के साथ-साथ पत्रकारिता के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं पत्रकारिता के इतिहास में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए एक जानकारीपरक पुस्तक।
Explore the rich historical account of journalism in Bihar with Bihar Mein Patrakarita Ka Itihas by Vijay Bhaskar.
Bihar Mein Patrakarita Ka Itihas by Vijay Bhaskar provides a comprehensive account of the history of journalism in Bihar. Gain valuable insights into the socio-political dynamics of Bihar and the role of media in this region through Vijay Bhaskar's exploration of Bihar Mein Patrakarita Ka Itihas.
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