राजेन्द्र अरुण द्वारा लिखित यह पुस्तक केवल एक धार्मिक विमर्श नहीं है, बल्कि एक मानवतावादी संदेश है जो आधुनिक जीवन की चुनौतियों में धैर्य, करुणा और आत्मबल की भूमिका को रेखांकित करता है।
पुस्तक में जानकी के जीवन प्रसंगों के माध्यम से यह बताया गया है कि कैसे संकटों में स्थिरता, संवेदनशीलता में शक्ति और संयम में साहस छिपा होता है—और यही गुण किसी को भी जीवन के हर मोर्चे पर सफल बना सकते हैं।
जग जननी जानकी एक ऐसी यात्रा है, जो पाठकों को नारी की शक्ति के साथ-साथ अपने भीतर छिपी सकारात्मकता को पहचानने के लिए प्रेरित करती है।
यह कृति उन सभी के लिए है जो धर्म को जीवन का मार्गदर्शक मानते हैं, और जो आत्मविश्वास, श्रद्धा और कर्म के संयोग से अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहते हैं।
जग जननी जानकी एक आदर्श और प्रेरणा है—जिसे पढ़ना नहीं, आत्मसात करना होता है।