मैं निधि गुप्ता हूँ ,मेरा पेन नेम "जिद्दी" है,नहीं मैं मनमानी नही करती बस अपने काम के प्रति जिद्दी हूँ अपनी मंजिल अपनी महात्वाक्षाओं को पाने के लिए महेनत करने में जिद्दी हूँ।मैं हिन्दी साहित्य और अंग्रेज़ी साहित्य से परास्नातक किया है।..... जब तक तुम मुझे जानोगे समझोगे तब तक मैं तुम्हारी इस आभासी दुनिया को अलविदा कह दूगीं..... मेरी तेज मेरी वेग को आजमाओ मत तुम, है मुझमें इतना तेज की तुम्हें तो क्या मैं स्वमं को भी भस्म कर सकती हूँ....निधि वहाँ नहीं रहती जहाँ हदें नापी जाती है क्योंकि मैं हद में नहीं हक में रहतीं हूँ......मेरी हदें मत गिनों क्योंकि निधि की हद्द बेहद हैं...... जिद्दी