प्राचीन काल से ही कथाओं के प्रति समाज की रूचि रही है | परन्तु आधुनिक समय में इनका प्रतिशत कुछ कम हो गया है | कहानियाँ और उपन्यास गद्य का सर्वोत्कृष्ट सृजन कहा जाता है | जिन्हें लोग आज भी मनोरंजन के लिए पढ़ते है | काल्पनिक कथायें आज से ही नहीं बल्कि पुराने समय से ही प्रचलित रहीं है | लेखक कहानी में मनोरंजकता के साथ प्रेरणा और सजीवता प्रदर्शित करता है | कहानी में जितनी अधिक सजीवता होती है, उतना ही उसको पढ़ने का चाव रहता है | कथांकुर दर्पण में ऐसी ही चुनिन्दा कहानियों को प्रस्तुत किया गया है | जिससे पाठकों को आनंद के साथ-साथ प्रेरणा भी मिले तथा अनुभूति का प्रवाह उनके हृदय सिन्धु में उमड़ने लगे | कहानियाँ अलग-अलग श्रेणियों की भले ही लगें | परन्तु रहस्य एवं अदभुत दृश्यों की प्रचुरता अवश्य देखने को मिलेगी | कुछ कथायें समाज में घटित घटनाओं को दर्शातीं हैं, तो कुछ कल्पना के गहराइयों में डूबती नज़र आयेंगी | रहस्यों को जानने की ललक लोगों में पहले भी थी और आज भी है | इसीलिए इन सभी बातों का ध्यान रखकर ही कथांकुर दर्पण का सृजन किया गया है | किसी भी कहानी में अभद्रतापूर्ण आचरण वाला पात्र बुराई का सूचक होता है | जिसका अंत हमेशा की तरह बुरा ही होता है | कथायें अथवा कहानियाँ हमें कभी बुराई को अपनाने की प्रेरणा नहीं देतीं हैं | किन्तु आज के समय में बहुत सारी ऐसी पुस्तकें भी बाजारों में आ रहीं हैं | जो हमारे नवनिहाल बच्चों एवं युवाओं को बुराई के मार्ग पर ले जा रहीं हैं | आज वे लोग अच्छी पुस्तकों को पढ़ना ही नहीं चाहते क्योंकि उन पर तो उन्हीं गंदी किताबों का भूत सवार है | बुराई का अथवा गंदे चित्रों का प्रभाव जल्दी हो जाता है, जबकि अच्छाई का असर देर में दिखता है | जिस प्रकार किसी मकान को बनाने में कई महीनों का समय लगता है, और तोड़ने में एक या दो दिन | किन्तु हम ये भूल जाते हैं, कि’’ जो हम बोयेंगे वही हमें काटना पड़ेगा | इसीलिए हमेशा ही अच्छी किताबें खरीदनी एवं पढ़नी चाहिए | मेरे द्वारा सभी कहानियों में यही प्रयास किया गया है, कि’’ जिनसे लोगों को कोई प्रेरणा अथवा शिक्षा प्राप्त हो
कथांकुर दर्पण में जितनी भी कथायें हैं, वे बिना प्रेरणा उद्देश्य के नहीं है | उद्देश्य विहीन काव्य हो अथवा गद्य निर्मूल एवं निरर्थक ही लगता है | लेखक का परिश्रम किसी भी रचना को सुगमता एवं गतिशीलता के पथ पर तभी ले जाता है | जब उसकी रचना में उद्देश्य निहित हो | मुझे विश्वास है, कि’ मेरी अन्य पुस्तकों की तरह ही इस पुस्तक को भी आपका भरपूर स्नेह और प्यार मिलता रहेगा |