5 सितंबर 1980 को हैदराबाद में जन्मी मधु धामा उर्दू, अरेबिक और हिन्दी की लेखिका हैं। इन्होंने मौलिक लेखन के अलावा स्वामी दयानंद सरस्वती जी के अधिकांश ग्रंथों का उर्दू में रूपांतरण भी किया। मूलत: उर्दू, अरेबिक और तेलुगू की जानकार एक आम गृहिणी मधु धामा ने हिन्दी साहित्य जगत और समाज सेवा में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने इन्हें देशभक्ति से परिपूर्ण लेखन, मानवीय सेवाओं और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृति मनीषी सम्मान से सम्मानित किया है, जिसके तहत इन्हें डेढ लाख रुपए नगद, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।