reportRatings and reviews aren’t verified Learn More
About this ebook
मित्रो, मेरे पहले काव्य संग्रह ‘मेरे हिस्से का सूरज’ के बाद यह मेरा दूसरा काव्य संग्रह ‘कुछ कही अनकही’ आपके सामने है। इसमें विभिन्न विषयों पर छोटी-बड़ी सभी तरह की रचनाएँ हैं। ये रचनाएँ कल्पना से परे यथार्थ को छूती हुई हैं। इसमें गरीब की दुर्दशा और सरकार से पुकार भी है। माँ का प्यार और उनका अभिनंदन भी है। गांव की सुनहरी यादें हैं। बेढंगे पहनावे पर कटाक्ष भी है। कविता के अनेक रूप भी हैं। आम समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति व देश पर तंज भी है। आंतरिक संघर्ष में अकारण जान न्यौछावर करने वाला जवान भी है। स्वयं से युद्ध करने का आह्वान है और व्यक्ति की मानसिकता का चित्रण भी है। टूटते परिवारों के बोझ तले दबी भावनाएँ भी हैं। ‘मन’ की व्यथा का विस्तृत चित्रण है। समझौतों की विवशता पर तंज भी है। कुछ रचनाएँ देश समाज के ऊपर व अन्य बहुत कुछ है। मेरा अपना मानना है कि सरल कविता सुगम संगीत की तरह व्यापक है। जीवन के उत्तरार्ध में प्रियजनों के आग्रह से इनका प्रकाशन करने की प्रेरणा मिली। मुझे आशा है कि मेरी ये सभी रचनाएँ आपको अपनी सोच व संवेदनाओं के आस-पास ही दृष्टिगत होंगी और सुधी पाठक जनों को रुचिकर लगेंगी। ...............आपका अपना प्रकाश गुप्ता
Ratings and reviews
5.0
1 review
5
4
3
2
1
Rate this ebook
Tell us what you think.
Reading information
Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.