इस काव्य संग्रह में इनकी ग़ज़लें आम आदमी के दर्द को सरल और प्रभावी तरीके से प्रकट करती हुई परिलक्षित हैं तो दूसरी ओर प्रेम के रूहानी अहसास के साथ साथ प्रेम के विरह पक्ष का मार्मिक चित्रण भी देखने को मिलता है । समाज, राष्ट्र के प्रति व्यक्ति के क्या कर्तव्य हैं और व्यक्ति की समाज और राष्ट्र से क्या अपेक्षाएँ हैं, इन विषयों को भी ग़ज़लों में बखूबी समेटा गया है । उत्कट जिजीविषा को प्रकट करती हुई ग़ज़लें भी ‘महकते अल्फ़ाज़’ को मुकम्मल बनाने की ओर अग्रसर होती हुई नजर आती हैंpppp