Nachta Adhyatm

· Vani Prakashan
Ebook
342
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About this ebook

नाचता अध्यात्म दीक्षित जी के पाठकों की संख्या बहुत बड़ी है। उनके लेखन से प्रेरित और प्रभावित लोग भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। आज की राजनीति में चंद लोग ही हैं जिन्हें तत्वदर्शी, चिन्तक, साहित्य मनीषी और भारतीयता का भाष्यकार कहा जा सकता है। उनमें ही एक कुशल राजनेता श्री हृदयनारायण दीक्षित हैं। उन्होंने अपने गम्भीर अध्ययन और मनन के बल पर अपने लेखन में भारतीय वाङ्गमय का सहज और समकालीन निचोड़ प्रस्तुत किया है। यह ग्रन्थ वैदिक दर्शन की आधुनिक मीमांसा, राष्ट्रीय और सांस्कृतिक बोध, परम्परा की निरन्तरता और उसके प्रवाह का साहित्य प्रस्तुत करता है। वर्तमान पीढी का यह सौभाग्य है कि दीक्षित जी का वाङ्गमय उपलब्ध हो रहा है। पुस्तक में शास्त्र, पुराण और भारतीय इतिहास (पुराणेतिहास) का संगम है। जिसमें पाठक डुबकी लगाये तो उसे अपने जीवन को कृतार्थ करने का संकल्प प्राप्त होगा। इसे जो पढ़ेगा वह भारतीय संस्कृति को समझेगा, जानेगा और चाहे तो आत्मसात भी कर सकता है। जानना ही वास्तव में जीवन का परमार्थ होता है। अवश्य ही नयी पीढ़ी इस पुस्तक से वह प्राप्त कर सकेगी जिसकी आज आज़ादी के अमृत महोत्सव में खोज है। दीक्षित जी की इस पुस्तक से चिन्तन को नयी दिशा और शक्ति मिलेगी, जो ज्ञान की होगी। -रामबहादुर राय अध्यक्ष, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नयी दिल्ली

About the author

हृदयनारायण दीक्षित का जन्म ग्राम लउवा, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनकी शिक्षा एम.ए. अर्थशास्त्र है। 1972 में जिला परिषद् उन्नाव के सदस्य रहे। आपातकाल के दौरान (1975-1977) 19 माह जेल में रहे। उन्नाव जनपद में पुलिस व प्रशासनिक अत्याचार, स्थानीय, प्रदेशीय समस्याओं को लेकर लगातार आन्दोलन, पदयात्राएँ, जनअभियान किया है। वर्ष 1981 से अब तक भारतीय आदर्श ऐंग्लो संस्कृति इण्टर कालेज, पुरवा, उन्नाव के प्रबन्धक हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय कन्या इण्टर कालेज मवई, उन्नाव के संस्थापक प्रबन्धक हैं। सम्प्रति सदस्य विधान सभा (166 भगवनत नगर उन्नाव) व मुख्य प्रवक्ता, भाजपा, उत्तर प्रदेश । वर्तमान में अध्यक्ष, विधान सभा उत्तर प्रदेश हैं। पुरस्कार व सम्मान : हृदयनारायण दीक्षित और उनकी पत्रकारिता पर शोध तथा पीएच.डी. पत्रकारिता, मध्य प्रदेश सरकार का गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार, राष्ट्रधर्म का भानु प्रताप शुक्ल पत्रकारिता सम्मान, राजस्थान के छोटी खाटू पुस्तकालय का दीनदयाल उपाध्याय सम्मान। प्रकाशित कृतियाँ : ऋग्वेद और डॉ. रामविलास शर्मा, मधुविद्या, सांस्कृतिक राष्ट्रदर्शन, भारतीय संस्कृति की भूमिका, भगवद्गीता, सांस्कृतिक अनुभूति राजनीतिक प्रतीति, भारतीय समाज राजनीतिक संक्रमण, जम्बूद्वीपे भरतखण्डे, संविधान के सामन्त, पं. दीनदयाल उपाध्याय दर्शन, अर्थनीति, राजनीति, तत्त्वदर्शी पं. दीनदयाल उपाध्याय, भारत के वैभव का दीनदयाल मार्ग, अम्बेडकर का मतलब, राष्ट्र सर्वोपरि, भारत की राजनीति का चारित्रिक संकट, सुवासित पुष्प श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसदीय भाषणों का संकलन सम्पादन, राष्ट्राय स्वाहा, ऊँ, शिव, सोचने की भारतीय दृष्टि, भारतीय अनुभूति का विवेकानन्द, मधुरसा। विभिन्न दैनिक पत्रो-पत्रिकाओं में लेखन, अब तक 4 हज़ार आलेख प्रकाशित।

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